जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब के दशकों पुराने ग्रामीण कल्चर के साथ मेजबानी करने वाले NH-1 “HAVELI” रेस्तरां के रजिस्टर्ड “TRADEMARK” के दुरुपयोग का दिल्ली हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।
माननीय उच्च कोर्ट ने हवेली के रजिस्टर्ड “LOGO” का इस्तेमाल कर रही लुधियाना की “PUNJABI HAVELI” के संचालकों को तत्काल सारे विज्ञापन हटाने का आदेश जारी किया है।
इस केस की अगली सुनवाई अब 26.09.2025 को होगी। कोर्ट के ताजा फैसले से “HAVELI” नाम का इस्तेमाल करने वाले अन्य नक्कालों की नींद उड़ गई है।
नेशनल हाईवे-1 स्थित “HAVELI” रेस्टोरैंट एंड रिजोर्टस लिमिटेड प्रमुख सतीश जैन ने DELHI HIGH COURT में याचिका दायर करके प्रतिवादी कंपनी “ADISON RESORT LIMITED” द्वारा उनके रजिस्टर्ड “LOGO” का बेहद चालाकी से इस्तेमाल करके सामाजिक, व्यापारिक तथा आर्थिक नुक्सान किए जाने का मुद्दा उठाया था।
याची श्री जैन के मुताबिक वो 2001 से “HAVELI” का संचालन करते आ रहे हैं और उनके बिजनेस के अंग्रेजी, हिन्दी और पंजाबी में “LOGO” रजिस्टर्ड है। बीते समय के दौरान उनके ध्यान में आया था कि प्रतिवादी कंपनी उनके फर्म के अंग्रेजी लौगो "HAVELI" को हुबहू इस्तेमाल कर रही है जिससे काफ़ी लोग उनको इसकी ख़राब सर्विस की शिकायतें कर रहे थे।
बकौल याची जैन, जम्मू से संबंधित लुधियाना से संचालित प्रतिवादी कंपनी ने “PUNJABI HAVELI” के नाम से फर्म का संचालन शुरू करते हुए बेहद चालाकी करते हुए “PUNJABI” शब्द को बेहद छोटे आकार में जबकि “HAVELI” शब्द को बड़े आकार में और वो भी हमारी फर्म के अंग्रेजी “LOGO” जैसा डिस्पले करके विभिन्न माध्यमों से प्रचार करना शुरू कर दिया।
याचिकाकर्ता श्री जैन के मुताबिक प्रतिवादी कंपनी के संचालकों ने ऐसा करके जहां उनके “BRAND” में विश्वास रखने वाले ग्राहकों को भ्रमित किया जा रहा है, वहीं व्यापार नियमों का भी उल्लंन किया जा रहा है। उनके मुताबिक यदि प्रतिवादी ग्राहक सेवा में कोताही करेगा तो उनके ब्रांड को सीथा आघात होगा।
जैन ने याचिका दायर करते हुए एक अर्जी के माध्यम से “STAY ORDER” की भी मांग की थी जिसकी सुनवाई के दौरान पेश किए ठोस सबूतों तथा मानक दस्तावेजों के आधार पर माननीय कोर्ट ने प्रथम दृष्टतया अर्जी को सटीक पाया और उक्त अंतरिम आदेश जारी किया।
HIGH COURT ने प्रतिवादी कंपनी को नोटिस जारी करते हुए जबाव तलब किया है। कोर्ट ने अप्रत्यक्ष रूप से स्पष्ट आदेश जारी किया है कि यदि प्रतिवादी कंपनी ने तुरंत आदेश का पालन नहीं किया तो यह कोर्ट के आदेश की सीधी अवहेलना होगी और वो मामला अलग से भी चल सकता है।
उधर, संपर्क करने पर याचिकाकर्ता सतीश जैन ने बताया कि उनके “LOGO” की नकल करके काफी लोग अपना व्यापार चला रहे हैं लेकिन वो उनके स्तर की सेवाएं तथा गुणवत्ता प्रदान करने में विफल साबित हो रहे हैं। ग्राहकों को “HAVELI” के नाम से से घटिया सेवाओं के चलते उनका काफी नुक्सान हो रहा है। अत: वो कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।